डर


जब मैं अगले साल नहीं रहूंगी तो...
तब क्या कुछ बदल जायेगा हमारे बिच .
यहाँ की ठंडी वैसी ही रहेगी बस्स...
हमारा साथ छूट जायेगा.
शायद तुम लोग नए कमरेमे जाओगे
और... नया दौर, नयी बातें...
हमारा आशियाना बदल जायेगा.
दोस्ती बदल जाएगी?
दोस्तीके चहरे बदल जायेंगे..
और.. हमारी यादें कमरेमे बंद कर 
.क्या चाबी कही खोजाएगी...
मुझे कभी डर नहीं लगता,
पर आज लगा! बिछड़ जानेका डर,
तुम सब से दूर जानेका डर,
और फिर... शायद कभी न मिलने का डर....

# ग सखे!!!  

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